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खुशखबरी: देश की राजधानी दिल्ली में अब प्याज की महंगाई नहीं निकालेगी आंशू

खुशखबरी: देश की राजधानी दिल्ली में अब प्याज की महंगाई नहीं निकालेगी आंशू

देश की राजधानी दिल्ली में टमाटर की बढ़ती कीमतों ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए थे। इसके उपरांत एक के बाद एक सब्जियों की बढ़ती कीमतों से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। परंतु, वहीं जनता के लिए खुशखबरी की यह बात है कि NCCF बफर प्याज की खुदरा बिक्री चालू करेंगे। बतादें, कि विगत दिनों धनिया, प्याज, अदरक और टमाटर आदि सभी सब्जियों की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी से जनता की जेब पर बेहद प्रभाव पड़ा है। ग्रहणियों का कहना है, कि मंहगाई के कारण से रसोई का बजट डगमगा गया था, इससे सही सलामत देशवासियों का जीना दुश्वार हो गया। साथ ही, आज से दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ सस्ती दरों पर प्याज बेचना शुरु करेगा। प्याज की कीमतों में निरंतर वृद्धि के मध्य सरकारी बफर स्टॉक से खुदरा प्याज की बिक्री 25 रुपये प्रति किलो के भाव पर शुरू होगी। जहां एक ओर टमाटर की महंगाई से जनता दीर्घकाल से परेशान थी। वहीं, फिलहाल टमाटर के भावों में गिरावट देखने को मिली है। परंतु, प्याज की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। इस वजह से जनता को महंगाई से थोड़ी सहूलियत प्रदान करने के लिए सरकार आज मतलब 21 अगस्त से सस्ती कीमतों पर प्याज बेचने की कवायद आरंभ कर रही है। ये भी देखें: सब्जियों के साथ-साथ मसालों के बढ़ते दामों से लोगों की रसोई का बिगड़ा बजट उपभोक्ता विभाग के मुताबिक, दिल्ली में हाल ही में एक किलो प्याज 37 रुपये में बिक्रय किया गया। भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) पहले से ही केंद्र सरकार की तरफ से कम भाव पर टमाटर बेच रहा है। साथ ही, अब उसे खुदरा बफर प्याज का कार्यभार भी सौंपा गया है। NCCF के प्रबंध निदेशक एनीस जोसेफ चंद्रा का कहना है, कि "शुरुआत में, हम दिल्ली में बफर प्याज की खुदरा बिक्री चालू करेंगे। हम अपने मोबाइल वैन और दो खुदरा दुकानों के जरिए से 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचेंगे।" दिल्ली में 21 अगस्त को तकरीबन 10 मोबाइल वैन भेजी जाएंगी। साथ ही, आहिस्ते-आहिस्ते इसका दायरा और अधिक बढ़ाया जाएगा। इसके अतिरिक्त NCCF दिल्ली में नेहरू प्लेस एवं ओखला में मौजूद अपने दो खुदरा दुकानों के माध्यम से भी प्याज बेचेगा। NCCF ने ONDC प्लेटफॉर्म के जरिए ऑनलाइन प्याज बेचने की भी योजना तैयार की है। परंतु, फिलहाल इसको जारी नहीं किया गया है। सरकार ने असम, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश को वर्तमान में प्राथमिकता दी है। दरअसल, इन पांच प्रदेशों में थोक एवं खुदरा दोनों बाजारों में बफर प्याज का निपटान करके उपलब्धता को बढ़ाया जा रहा है। दिल्ली में यह बिक्री 21 अगस्त से चालू हो जाएगी, जबकि बाकी 4 राज्यों में 2 दिन पश्चात बिक्री शुरू होगी। ये भी देखें: जानें टमाटर की कीमतों में क्यों और कितनी बढ़ोत्तरी हुई है NCCF विगत एक माह से राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में रियायती भाव पर टमाटर विक्रय कर रहा है। आरंभ में जब खुदरा बाजार में भाव ₹250 प्रति किलो तक पहुंच गया तो इसकी बिक्री ₹90 प्रति किलो पर चालू हुई। अब आवक में काफी सकारात्मक सुधार आया है, तो अनुदानित दर घटाकर 40 रुपये प्रति किलो निर्धारित कर दी गई है।
100 पार हुई प्याज की कीमत पर सरकार इस तरह लगाम लगा रही है

100 पार हुई प्याज की कीमत पर सरकार इस तरह लगाम लगा रही है

विगत कुछ दिनों में भारत के विभिन्न राज्यों में प्याज की कीमतें 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक हो गई हैं। साथ ही, शुक्रवार को भारत के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार लासलगांव में प्याज का औसत थोक मूल्य पांच दिनों में 24 फीसद गिरकर 3,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। बतादें, कि दिवाली के त्योहार से पूर्व विभिन्न राज्यों में प्याज की बढ़ती कीमत ने उपभोक्ताओं के बीच चिंता बढ़ा दी है। पिछले कुछ दिनों में कई राज्यों में प्याज की कीमतें 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। प्याज की कीमतों में हालिया उछाल को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की ओर से कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। साथ ही, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने निर्यात में गिरावट और घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ाने के लिए 29 अक्टूबर, 2023 से 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) निर्धारित किया जा सकता है।

लासलगांव में प्याज की कीमतों में 24 फीसद गिरावट

मीडिया एजेंसी के अनुसार, शुक्रवार को भारत के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार लासलगांव में प्याज की औसत थोक कीमतें पांच दिनों में 24 फीसद गिरकर 3,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं। दरअसल, लासलगांव में प्याज की औसत थोक भाव 3 अक्टूबर को 2,050 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 28 अक्टूबर को 4,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं थीं। प्याज की कीमतों में हालिया उछाल विभिन्न कारणों से हो सकता है, जिसमें घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में सप्लाई की कमी भी शामिल है। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं प्याज की कीमतों में उछाल के पीछे के संभावित कारण क्या-क्या हैं?

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इसके अलावा सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज की बिक्री को सीमित करने हेतु प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत कर भी लगाया है। परंतु, दूसरी तरफ प्याज पर कोई भी निर्यात कर नहीं था। इसके साथ ही केंद्र ने प्याज निर्यात के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 66,730 रुपये प्रति टन निर्धारित की गई है। मतलब, कि 31 दिसंबर 2023 तक कोई भी प्याज व्यापारी इससे कम कीमत पर प्याज का निर्यात नहीं कर सकता है।